Mahanubhav Panth - Geeta Saar


 द्वापारी श्री कृष्ण भगवान की जय

जीवन की सच्चाई

गीतासार

जो हुआ वह अच्छा हुआ|
जो हो रहा है, वह अच्छा हो रहा है ||

 जो होगा, वह भी अच्छा होगा |
तुम्हारा क्या गया, जो तुम रोते हो ?
 तुम क्या लाये थे, जो तुमने खो दिया ?
  तुमने क्या पैदा किया, जो नष्ट हो गया ?

  तुमने जो लिया, यही से लिया;
   जो दिया, यही पर दिया;

 जो आज तुम्हारा है,
कल किसी और का था,
  कल किसी और का होगा |

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