Mahanubhav Panth

वसुदेवसुतं देवम कंस चाणूरमर्दनम |
देवकी परमानंदनंम कृष्ण वंदे जगदगुरूम ||१||

सह्याद्रीशिखरे रम्यंम, अत्रीअनसूयानंदनंम |
स्तम वंदे परमानंदनंम श्री दत्तात्रय जगदगुरु ||२||

फलस्थ नगरे जातं द्वारावत्यानिवासिनाम |
नौम्यहं चक्रपाणीकं जनाकाद्विजनंदनंम ||३||

नेमाम्बोदर संभूतं कान्हवानंत नायकात |
प्रभू नमामी गोविन्दम जीवविद्या विभंजकम ||४||

पुत्रं विशालदेवस्य नित्यमुक्ती प्रदायकम |
माल्हनी परमानंदनंम वंदे श्री चक्रधर विभूम ||५||   


श्री चक्रधरार्पण


दण्डवत प्रणाम

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